पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन (ललन सिंह) ने गुरुवार को मौसम पूर्वानुमान सेवा का शुभारंभ किया जो ग्राम पंचायतों को आपदा प्रबंधन तैयारियों को बढ़ाने के लिए पांच दिनों के लिए स्थानीय दैनिक मौसम पूर्वानुमान प्रदान करेगी।
पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेन्द्र सिंह और पंचायती राज राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल भी लॉन्च के दौरान मौजूद थे। इस अवसर पर बोलते हुए पंचायती राज मंत्री ने इस कदम को “मील का पत्थर” बताया, जो मौसम की चरम स्थितियों से होने वाले नुकसान को कम करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, “यह एक ऐसा कदम है जिसका असर पूरे देश पर पड़ेगा। भारत में 66 प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर हैं। लेकिन कुछ मायनों में कृषि एक अभिशाप बन गई है।” उन्होंने कहा, “यह एक ऐसा कदम है जिसका असर पूरे देश पर पड़ेगा। भारत में 66 प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर हैं। लेकिन कुछ मायनों में कृषि एक अभिशाप बन गई है।” “हम पर्यावरण के साथ मानवीय हस्तक्षेप के परिणामों का सामना कर रहे हैं। पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को लेकर चिंतित है। अगर पंचायतों को समय पर मौसम का पूर्वानुमान मिल जाए, तो वे सतर्क हो जाएंगे और उनके जीवन और संपत्ति की रक्षा होगी।” जितेंद्र सिंह ने कहा कि मौसम पूर्वानुमान से संबंधित सभी जानकारी भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के विभिन्न प्लेटफार्मों पर उपलब्ध है, क्योंकि उन्होंने नई सेवा की सराहना की जो गांवों में अंतिम उपयोगकर्ता तक जानकारी पहुंचाने में मदद करेगी।
उन्होंने कहा, “जब हम इस बात पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि मौसम क्या करेगा, तो हम इसके लिए तैयार हो जाते हैं। बड़े पैमाने पर, बाढ़ और चक्रवात जैसी घटनाओं के कारण होने वाली मृत्यु दर और विनाश को कम किया जा सकता है।”
जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि मौसम पूर्वानुमान 18,000 से अधिक व्हाट्सएप समूहों के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को भेजा जा रहा है।
ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान के लिए सेवा, जिसे IMD के सहयोग से लॉन्च किया गया था, ग्राम पंचायतों को प्रति घंटे मौसम पूर्वानुमान की जांच करने की अनुमति देगी और साथ ही देश भर के किसानों को सीधे लाभ पहुंचाएगी।
यह पहली बार है कि स्थानीय मौसम पूर्वानुमान ग्राम पंचायत स्तर पर उपलब्ध होगा, जिसे IMD के विस्तारित सेंसर कवरेज द्वारा समर्थित किया जाएगा।
पूर्वानुमान मंत्रालय के डिजिटल प्लेटफॉर्म – ई-ग्राम स्वराज, मेरी पंचायत ऐप और ग्राम मंच के माध्यम से प्रसारित किए जाएंगे।
चक्रवात और भारी वर्षा जैसी चरम मौसम की घटनाओं के बारे में पंचायत प्रतिनिधियों को एसएमएस अलर्ट भी भेजे जाएंगे, जिससे जान, फसल और संपत्ति की सुरक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित होगी।
यह प्रयास जमीनी स्तर पर जलवायु-लचीले समुदायों के निर्माण की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है।