किश्तवाड़ के जिला विकास आयुक्त (डीडीसी) राजेश कुमार शवन ने शनिवार को आदर्श पंचायत लछदयाराम (ए) का दौरा किया और जागरूकता कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा पंचायत में प्रमुख विकास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। इन आदर्श पंचायतों में 78 प्रमुख संकेतकों की संतृप्ति प्राप्त करने के लिए जिला अधिकारियों और जिले के निचले इलाकों के अधिकारियों द्वारा जिले की 13 नामित आदर्श पंचायतों का दौरा नियमित रूप से किया जा रहा है।
जागरूकता शिविर के दौरान डीडीसी ने स्थानीय समुदायों के कल्याण और प्रगति के उद्देश्य से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी), स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी), प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), स्वास्थ्य पहल और सामाजिक कार्यक्रमों जैसी सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने पंचायत में इन योजनाओं की स्थिति का आकलन किया और पर्यावरण को समृद्ध करने के लिए बंजर भूमि पर बड़े पैमाने पर पौधारोपण अभियान चलाकर हरित स्थान विकसित करने के महत्व पर प्रकाश डाला।
इन क्षेत्रों में स्वच्छता पहल, पॉलीथिन मुक्त अभियान, घर-घर जाकर कूड़ा एकत्र करने तथा नशा मुक्ति अभियान पर विशेष ध्यान दिया गया। स्थानीय स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुरूप संबंधित विभागों को स्थानीय निवासियों को निःशुल्क जांच तथा दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सा शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए गए।
बाद में डीडीसी ने चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण किया और गुणवत्ता आश्वासन के साथ समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्राम निगरानी समिति, स्थानीय निवासियों और पूर्व पीआरआई सदस्यों के साथ बातचीत की, जिसमें सभी संकेतकों को संतृप्त करने, सामुदायिक चिंताओं को दूर करने और तत्काल समाधान प्रस्तुत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने ग्राम निगरानी समिति से पंचायत विकास में कमियों को दूर करने के लिए विभागों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करने का भी आग्रह किया।
डीडीसी ने कुछ जिला अधिकारियों द्वारा अब तक अपने निर्धारित पंचायतों का दौरा न करने को गंभीरता से लिया तथा इस बात पर जोर दिया कि कर्तव्यों में लापरवाही बरतने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रतिभागियों में मोहम्मद अशरफ वानी एडी, ईएंडएस, खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) किश्तवाड़ संजीव कोतवाल (मॉडल पंचायत लछदयाराम ए के लिए खंड नोडल अधिकारी भी); पंचायत सचिव, पंचायत नोडल अधिकारी तथा ग्रामीण विकास विभाग के अन्य सदस्य शामिल थे।